हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि आती है। इनमें से सबसे मुख्य महाशिवारात्रि को माना जाता है लेकिन सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि को फाल्गुन महीने में आने वाली महाशिवरात्रि के समान ही फलदायी माना जाता है।
सभी शिवभक्तों को सावन महीने का खास तौर पर इंतजार रहता है। इस महीने में शिवरात्रि का महत्व इसलिये भी बढ़ जाता है क्योंकि इसमें भगवान शिव का जलाभिषेक करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। सावन के पूरे महीने शिवभक्त बम भोले, हर-हर महादेव के नारे लगाते हुए नजर आते हैं। कहा जाता है कि सावन की शिवरात्रि मनुष्य के सभी पाप को धो देती है। ऐसे में सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है क्योंकि इसमें व्रत रखने वालों के पाप का नाश होता है और कुवारें लोगों को मनचाहा वर या वधु मिलता है। वहीं, दांपत्य जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।
2018 में सावन शिवरात्रि 9 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन शिवरात्रि निशिथ काल पूजा का समय 24:09+ से 25:01+ तक होगा। वहीं 10 तारीख को सावन शिवरात्रि पारण का समय 05:51 से 15:42 तक होगा।
इस दिन सुबह उठ कर स्नान कर के मन को पवित्र कर लें। घर पर या मंदिर में शिव जी की पूजा करें और शिव जी के साथ माता पार्वती और नंदी गाय को पंचामृत जल अर्पित करें। ऐसा करने के बाद शिवलिंग पर ऊपर बताई हुई सामग्रियों को एक एक कर के शिव मंत्र :ॐ नमः शिवाय के जाप के साथ चढ़ाते जाएं। भगवान की पूजा दिल से करें, इससे आप उन्हें जो कुछ भी अर्पित करेंगे उससे आपकी पूजा सफल मानी जाएगी।
विशेष - शिव पूजा के अंत में इस रावणकृत शिव तांडव स्तोत्र का प्रदोष समय में गान करने से या पढ़ने से लक्ष्मी स्थिर रहती है, साथ ही भक्त रथ, गज और घोड़े से सर्वदा युक्त रहता है।
ॐ नमः शिवाय
Thanks for liking the post -Admin 03/08/18