॥ॐ गं गणपतये नमः॥
Lord Ganesha, is the most unique lord, and worshiped in the very beginning in any of the auspicious ritual in Sanatana Dharma. He is the lord of Knowledge and wisdom. Without including him in our ritual, No worship is complete.
We should worship Ganesha with milk, curd (दही), honey(शहद), Supari (सुपारी), coins (सिक्के), long(लौंग), Coconut wrapped with red thread (कलावा लपेट कर), Ganga (कलश मे गंगा जल), unbroken rice (अक्षत) with Turmeric Powder(हल्दी) and sandalwood (चन्दन).
Here is a brief on shodashopchar (षोङशोपचार) i.e. sixteen steps of poojan, we need to follow during the Lord Ganesha Poojan:
आरती विधि
कुमकुम, अगर, कपूर, धृत और चन्दन, पाँच बत्तीयों अथवा दीए की ( रुई और घी की ) बत्तियाँ बनाकर शंख, घंटा आदि बजाते हुआ आरती करनी चाहिए| आरती उतारते समय सवर्प्रथम भगवान् की प्रतिमा के चरणों में उसे चार बार घुमाएँ, दो बार नाभिदेश में, एक बार मुखमण्डल पर और सात बार समस्त अंगों पर घुमाएँ| आरती, सदै्व पूजन के अन्त में इष्ट देवता की प्रसन्नता हेतु की जाती है| इसमें इष्टदेव को दीपक दिखाने के साथ ही उनका स्मरण तथा गुणगान किया जाता है|
गणेश आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी । माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ॥
पान चड़ें, फूल चड़ें और चड़ें मेवा । लडुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
अंधें को आँख देत, कोड़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
सूरश्याम शारण आए सफल कीजे सेवा | माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥